वस्तुतः उपनिषदों में लौकिक उपयोग की सामान्य विद्या को महत्त्व न दिया गया हो ऐसा नहीं है ।
3.
“कभी कभी तैरता हिमशैल भी पिघल जाता है, वैसा ही मेरे साथ हुआ है।...क्या इस प्यार का कोई लौकिक उपयोग है?
4.
अथर्ववेद इन तीनों से हटकर है और इसमें लौकिक उपयोग की बातें संग्रहीत हैं, जैसे आयुर्विज्ञान, आयुधविज्ञान, अर्थशास्त्र इत्यादि से संबंधित जानकारी ।
5.
वेदों में जहां एक ओर कर्मकांडों से जुड़े मंत्रों और लौकिक उपयोग की बातों का उल्लेख मिलता है, वहीं दूसरी ओर आध्यात्मिक दर्शन से संबद्ध मंत्र एवं अदृश्य शक्तियों की प्रार्थनाएं भी उनमें देखने को मिलती हैं ।
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वेदों में जहां एक ओर कर्मकांडों से जुड़े मंत्रों और लौकिक उपयोग की बातों का उल्लेख मिलता है, वहीं दूसरी ओर आध्यात्मिक दर्शन से संबद्ध मंत्र एवं अदृश्य शक्तियों की प्रार्थनाएं भी उनमें देखने को मिलती हैं ।